ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया राज्य के गिप्सलैंड कस्बे में आई बाढ़ के बाद एक चौंकाने वाला नजारा दिखा है। बाढ़ग्रस्त इलाके में मकड़ी के जाल की चादर फैली हुई है। यह जाल काफी बड़ा और ट्रांसपेरेंट है। यहां के कई इलाकों में बाढ़ आने के बाद मकड़ियों ने पेड़, खम्भे और सड़क किनारे ऊंचाई पर लगे होर्डिंग बोर्ड को अपना आशियाना बना लिया है।
मकड़ियों के इस व्यवहार को बैलूनिंग कहते हैं
बाढ़ के बाद गिप्सलैंड कस्बे में बिजली व्यवस्था ध्वस्त है और कई इमारतें डैमेज हो चुकी हैं। जमीन पर पानी का स्तर बढ़ने के कारण यहां की मकड़ियां जाल बुनकर ऊंचाई तक पहुंचने की कोशिश में हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मकड़ियां खुद को बचाने के लिए बड़े स्तर पर जाल बुन रही हैं। खुद बचाने की इस तकनीक को वैज्ञानिक भाषा में ‘बैलूनिंग’ कहते हैं। इसकी मदद से मकड़ी ऊंचाई तक पहुंच जाती है।
इंसानों को इन मकड़ियों से खतरा नहीं
एक्सपर्ट्स का कहना है, इन जाल को बनाने वाली मकड़ियों के काटने से इंसान को कोई बड़ा खतरा नहीं है। हां, मकड़ियों के काटने पर हल्की-फुल्की खुजली हो सकती है। लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। ये मकड़ियां आकार में इतनी छोटी हैं कि इंसान की स्किन को भेद पाना इनके लिए मुश्किल है।
सोशल मीडिया पर शेयर हो रहीं तस्वीरें
कीट वैज्ञानिक डॉ. केन वॉकर का कहना है, यह जाल बेहद खूबसूरत है। बाढ़ के कारण मकड़ियों को तेजी से जमीन छोड़ने की जरूरत है। सोशल मीडिया पर ये तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। सोशल मीडिया यूजर्स जाल के विशाल आकार पर आश्चर्य जता रहे हैं।
बर्डवॉचर कैरोलिन क्रॉसले ने बाढ़ग्रस्त इलाके का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, हवा में उड़ते इस जाल को शेयर करने से मैं खुद को नहीं रोक सकता है। यह वायरल हो चुका है। इसलिए, कृपया गिप्सलैंड इमरजेंसी राहत कोष में दान करें।