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बीकानेर-बाड़मेर में जलसंकट:इंदिरा गांधी नहर के बंद होने से 5.5 लाख से ज्यादा की आबादी प्यासी, 15 दिन का पानी बचा ; शहर में 2 तो गांवों में 3-4 दिन पर आपूर्ति

बीकानेर

मरम्मत के लिए बंद हुई इंदिरा गांधी नहर के कारण बीकानेर-बाड़मेर में जलसंकट छा गया है। साढ़े पांच लाख से ज्यादा की आबादी पानी के लिए तरस रही है। जलप्रदाय विभाग की मानें तो 10-15 दिन का ही पानी शेष बचा है, इसलिए शहरी क्षेत्र में 2 दिन और ग्रामीण इलाकों में 3 दिन बीच करके पानी की आपूर्ति की जा रही है। बीकानेर के 60 से अधिक गांवों में स्थिति बिगड़ गई है। इससे सीधे तौर पर करीब 1 लाख की आबादी प्रभावित हो रही है। इसी तरह बाड़मेर में करीब 5 लाख की आबादी को संकट का सामना करना पड़ रहा है। उधर, इंदिरा गांधी नहर को दुरुस्त करने में करीब एक माह का और समय लगेगा।

इंदिरा गांधी नहर 29 अप्रैल से बंद है। बीकानेर में जल संग्रहण के लिए बीछवाल व शोभासर में दो जलाशय बने हुए हैं। इन जलाशयों में अब पानी बहुत कम रह गया है। बीछवाल में जहां 6 मीटर पानी बचा है, वहीं शोभासर में 5.8 मीटर पानी शेष है। यह पानी महज 15 दिन तक ही बीकानेर की प्यास बुझा सकता है। ऐसे हालात में जलदाय विभाग ने पहले 2 दिन में एक बार पानी देना शुरू किया। अब प्रति व्यक्ति पानी में कमी कर दी है। इसके बाद भी विभाग मानता है कि 25 मई के बाद 2 दिन में एक बार पानी देना भी मुश्किल होगा। संभव है कि 3 दिन में एक बार पानी देना पड़े।

गांवों में तीन दिन में मिल रहा पानी

बीकानेर के करीब 60 गांवों में अब हर रोज पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। बल्कि सप्ताह में दो बार पानी आ रहा है। विभाग का प्रयास है कि 3 दिन में एक बार जलापूर्ति हो, कई बार इसमें चार दिन भी लग जाते हैं। ऐसे हालात में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बिगड़ रही है। सबसे ज्यादा संकट खाजूवाला क्षेत्र में है। नहर के अंतिम छोर पर पानी पहले ही कम आया था, इसलिए संग्रहण पूरा नहीं हुआ। अब जो बचा हुआ पानी है, उससे आपूर्ति हो रही है। कई गांवों में तो 25 मई के बाद आपूर्ति बंद भी हो सकती है। विभाग इसके विकल्प के तौर पर टैंकर से पानी देने की तैयारी में जुटा हुआ है। कमोबेश ऐसे ही हालात लूणकरनसर के गांवों का भी है, जहां घरों में पीने योग्य पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

ट्यूबवेल से राहत

जिन क्षेत्रों में जलदाय विभाग के ट्यूबवेल हैं, वहां से कुछ राहत मिल रही है। लगातार इन ट्यूबवेल को चेक भी किया जा रहा है। बीकानेर शहर में भी पिछले दिनों जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला के प्रयासों से आधा दर्जन ट्यूबवेल शुरू किए गए थे। इसी से आपूर्ति कुछ हद तक सही हो रही है।

कम से कम करें उपयोग

जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल का कहना है कि पानी बहुत कम है। लोगों को जरूरत को भी मैनेज करना होगा। पानी को बचाने का सर्वाधिक प्रयास हो ताकि हम इस विकट समय से निकल सकें। शहर में फिर भी पानी दे पा रहे हैं लेकिन गांवों में हालात ज्यादा खराब है। आम आदमी को इस समय पानी बचाने में सहयोग करना चाहिए।

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