इंदौर
29 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर आकांक्षा गुप्ता ने अपने एक दोस्त की शादी में बर्बाद होने वाले खाने को देख उन्हें कुछ अलग करने का आइडिया आया। उन्होंने भाई यश गुप्ता की मदद से ‘दानपात्र’ नाम का ऐप बनाया, जिसकी वजह से बीते 4 साल से अब तक 11 लाख लोगों की मदद की जा चुकी है। इंदौर के इस बहन-भाई की जोड़ी के बनाए ‘दानपात्र’ ऐप की मदद से लोग इन्हें संपर्क कर अपने पुराने कपड़े, खिलौने, किताबें, जूते, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, फर्नीचर जैसी कई जरूरत की चीजें देते हैं। जिसे दानपात्र की टीम जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाती है।