Tuesday, February 18निर्मीक - निष्पक्ष - विश्वसनीय
बदला मौसम तो बढ़े बुखार, खांसी और जुकाम के मरीज
by seemasandesh
जिला अस्पताल में चार से पांच गुणा बढ़ी ओपीडी, रोजाना लग रही मरीजों की लंबी कतारें हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। क्षेत्र में पिछले करीब दस दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच दिन और रात के तापमान में आ रही गिरावट के कारण लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगी हैं। दोपहर को धूप और रात सर्द होने की वजह से लोग वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित होने लगे हैं। गले में खराश, बुखार, खांसी और जुकाम आदि से पीड़ित मरीजों का अस्पतालों में तांता लगने लगा है। बदलते मौसम में थोड़ी सी लापरवाही से लोग मुसीबत में पड़ रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है और इसके चलते सबसे ज्यादा लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायतें मिल रही हैं। डॉक्टरों का मानना है कि दिन में धूप, शाम में सिहरन और रात में ठंड के चलते तापमान में तेजी से आ रहे उतार-चढ़ाव की वजह से ऐसी स्थिति बन रही है। इसके चलते सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज बढ़े हैं। इलाज के साथ ही सावधानी बरतने और रोग प्रतिरोधक क्षमता के बनाए रखने की सलाह भी चिकित्सकों की ओर से दी जा रही है। मौसम में आए बदलाव की वजह से एकाएक राजकीय जिला चिकित्सालय में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) में हर रोज 500 से 600 मरीज वायरल फीवर, बुखार, सर्दी, जुकाम से ग्रस्त मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। कभी-कभी यह संख्या 700 के पार भी पहुंच रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में करीब आधा दर्जन चिकित्सक मरीजों की जांच कर रहे हैं। दिसम्बर माह के अंतिम दिनों में सर्दी अचानक से बढ़ी है। मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक देखने को मिली है। इस समय सबसे अधिक मरीज वायरल, सर्दी-जुकाम, खांसी के आ रहे हैं। डॉक्टर मरीज बढ़ने का मुख्य कारण मौसम में आए परिवर्तन को मान रहे हैं। जिला अस्पताल में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों के लिए बनाए गए ओपीडी में आईएलआई के मरीजों की जांच की जा रही है। हालांकि कोरोना महामारी अभी तक नियंत्रण में है। चिकित्सकों ने बताया कि इस सीजन में सबसे ज्यादा वायरल होता है। नाक से वायरस प्रवेश करता है और शरीर में पहुंच जाता है। इस दौरान वायरस से बचने के लिए शरीर का तापमान बनाए रखने की जरूरत होती है। वायरल इन्फेक्शन से गले में आवाज बैठने की तकलीफ भी हो सकती हैं। इन्फेक्शन से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवाइयां लेनी चाहिए।