श्रीगंगानगर
पूर्व आयुर्वेद राज्यमंत्री राधेश्याम गंगानगर ने राजनीति को अलविदा कह दिया है। अपने 87वें जन्मदिन के दो दिन बाद सोमवार को जी ब्लॉक स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, राजनीति में तमाम मुकाम देख लिए। विधायक और मंत्री तक का सफर तय कर लिया है। ऐसे में अब वे अपनी राजनीतिक विरासत बेटे वीरेंद्र राजपाल को सौंप रहे हैं। अब वीरेंद्र ही उनके सपनों को पूरा करेंगे।
भाजपा टिकट देगी तो लड़ेंगे चुनाव
वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि भाजपा वीरेंद्र को टिकट देती है तो वे निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे पिछले काफी समय से इस बारे में विचार कर रहे थे। अपने नजदीकी लोगों के विचार विमर्श के बाद उन्होंने यह फैसला किया है।
श्रीगंगानगर की राजनीति का बड़ा नाम हैं राधेश्याम
राधेश्याम गंगानगर जिले की राजनीति का बड़ा नाम है। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 1980, 1993 और 1998 में विधानसभा चुनाव जीता और एमएलए बने। साल 1998 में वे आयुर्वेद राज्यमंत्री रहे। साल 2008 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। वर्ष 1993 में उन्होंने भाजपा की लहर में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत को पराजित किया था।
इनके बेटे वीरेंद्र राजपाल लॉयन्स क्लब के रीजनल चेयरमैन रहे हैं। गंगानगर क्लब के अध्यक्ष पद पर चुने गए। कृषि उपज मंडी अनाज, जेल कमेटी, डिपो आवंटन कमेटी के सदस्य सहित कई जिम्मेदारियां देख चुके हैं। पूर्व में राधेश्याम गंगानगर का राजनीतिक उत्तराधिकारी उनके बेटे रमेश राजपाल माने जाते रहे थे। रमेश राजपाल के निधन के बाद सोमवार को उन्होंने वीरेंद्र को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।