चंडीगढ़
नौकरियों में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने माना कि भर्तियों के गिरोह हरियाणा में पिछले 20 साल से चल रहे हैं। इन गिरोहों की जड़ें काफी गहरी हैं और ये बड़े सिस्टम से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि गिरोहों को खत्म करने का काम सरकार ने शुरू कर दिया है। इसके लिए विजिलेंस को पूरी छूट दी गई है। वहीं, पिछले सात साल में हुई करीब 83 हजार भर्तियों की जांच का कोई औचित्य नहीं है, केवल विवादित और जिनमें गड़बड़ी मिली हैं, उनकी ही जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी में जो भी शामिल होगा, उनको बख्शा नहीं जाएगा।
रविवार को मुख्यमंत्री हरियाणा निवास में पत्रकारों से बात कर रहे थे। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंटल सर्जन या एचसीएच प्री की परीक्षाओं को लेकर आयोग ही कोई फैसला लेगा। किस परीक्षा में कितने उम्मीदवार पैसे देकर पास हुए और कितनों ने खुद अपने दम पर परीक्षा पास की, इसके आधार पर ही फैसला होगा। भविष्य में आयोग में नियुक्ति को लेकर कोई मैकेनिज्म अपनाने के सवाल पर कहा कि आयोग में अच्छे लोगों की नियुक्ति होती है, इसमें सुधार को लेकर और सलाह ली जाएंगी। वहीं, परीक्षाओं की गोपनीयता बनाए रखने को तमाम फैसले लेंगे।