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नौकरशाहों के चंगुल में फंसी राज्य सरकार

  • राज्यव्यापी आंदोलन के तहत निकाली जा रही संघर्ष चेतना यात्रा पहुंची हनुमानगढ़
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों और संवादहीनता के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की ओर से शुरू किए गए राज्यव्यापी आंदोलन के तहत निकाली जा रही संघर्ष चेतना यात्रा गुरुवार को हनुमानगढ़ पहुंची। कर्मचारियों ने महासंघ जिलाध्यक्ष चन्द्रभान ज्याणी के नेतृत्व में संघर्ष चेतना यात्रा का स्वागत किया और आंदोलन की रणनीति तैयार की। बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष चन्द्रभान ज्याणी ने कहा कि राज्य सरकार लगातार कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही है और लिखित समझौतों से मुकर रही है। इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारी स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सरकार ने चार साल में महासंघ से एक बार भी संवाद नहीं किया जो कि लोकतांत्रिक परम्पराओं के विपरीत है। प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग ने कहा कि राज्य सरकार नौकरशाहों के चंगुल में फंस गई है। नौकरशाह सरकार की छवि खराब कराने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने समय रहते महासंघ के 15 सूत्रीय मांग पत्र पर द्विपक्षीय वार्ता आयोजित कर मांगों का निराकरण नहीं किया तो राज्य कर्मचारी आम हड़ताल जैसा कदम उठाने के लिए विवश होंगे। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की ओर से वेतन विसंगति दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची 5 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण करने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करने, 9, 18 और 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 7, 14, 21 एवं 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत करने एवं विभिन्न कर्मचारी संगठनों की ओर से किए गए समझौतों एवं सहमतियों को लागू करने, सहायक कर्मचारियों को एमटीएस घोषित करने, नियमित पदों पर संविदा कार्मिकों के भर्ती के लिए जारी संविदा नियम 2022 को प्रत्याहारित कर रिक्त पदों पर नियुक्त संविदा कार्मिकों/अस्थाई कार्मिकों को नियमित करने, पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी करने, प्रदेश में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के बाद कर्मचारियों के एनपीएस की राशि जीपीएफ खाते में स्थानांतरित करने, कर्मचारियों की ओर से लिए गए ऋण की वसूली के जारी आदेशों को प्रत्याहारित करने, प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत करने, कर्मचारी संगठनों के धरना-प्रदर्शन पर रोक के लिए सरकार की ओर से अलोकतांत्रिक निर्णय कर जारी किए गए नो वर्क नो पे के आदेश को प्रत्याहरित करने की मांग की जा रही है। ग्राम विकास अधिकारी संघ के प्रदेश संगठन मंत्री रमेश खटोतिया ने बताया कि संघर्ष चेतना यात्रा को महासंघ से सम्बद्ध 82 घटक संगठनों का समर्थन है। आंदोलन की कड़ी में 4 जनवरी से 6 जनवरी तक सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदेश पदाधिकारी संघर्ष चेतना यात्रा निकाल रहे हैं। इसके बाद 11 जनवरी को ब्लॉक स्तर पर धरने और प्रदर्शन होंगे। 18 जनवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर वाहन रैली निकाली जाएगी और 23 जनवरी को महासंघ महाआक्रोश रैली का आयोजन करेगा। इस मौके पर कानूनगो संघ के प्रदेश महामंत्री सुदर्शन आर्य, जोगेन्द्र मोठसरा, मनोहर लाल बंसल, वीरेन्द्र पारीक, जनकसिंह, शिवकुमार बिश्नोई, सतीश चौपड़ा, मोहनलाल, देवीलाल, गुरसाहब सिंह सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।