हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। टाउन स्थित नगर परिषद कार्यालय के सभागार में गुरुवार को नगर परिषद बोर्ड की विशेष बैठक सभापति गणेश राज बंसल की अध्यक्षता में हुई। परिषद की ओर से तैयार करवाए गए एयरकंडीशन सभागार में हुई पहली बैठक में मेडिकल कॉलेज के लिए 10 एकड़ अतिरिक्त भूमि आवंटन एवं हनुमानगढ़ का जोनल डवल्पमेंट प्लान तैयार करवाने की प्रशासनिक स्वीकृति पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद दोनों ही एजेंडे सर्वसम्मति से पास हो गए। हालांकि बैठक में महज इन्हीं दो एजेंडों पर चर्चा के लिए प्रस्तावित थी लेकिन इनके अलावा दो अन्य एजेंडों पर भी चर्चा हुई। इनमें से एक एजेंडे पर सहमति बनी जबकि विरोध के चलते दूसरा एजेंडा पास नहीं हो पाया। सुबह करीब सवा 11 बजे शुरू हुई बैठक में मेडिकल कॉलेज के लिए अतिरिक्त भूमि आवंटन का एजेंडा बोर्ड के समक्ष रखते हुए सभापति बंसल ने बताया कि जंक्शन में संगरिया-श्रीगंगानगर बाइपास रोड पर आबंटित 40 बीघा भूमि के अलावा मेडिकल कॉलेज के लिए भविष्य में एमबीबीएस और पीजी सीटों की बढ़ोतरी के मद्देनजर 10 एकड़ अतिरिक्त भूमि की डिमांड की गई है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के लिए चक नंबर 2 एनडब्ल्यूएन में मास्टर प्लान प्रारूप 2035 में थोक व्यापार, भंडारण व गोदाम भू-उपयोग के लिए आरक्षित भूमि जोकि वांछित भू-उपयोग संस्थागत की श्रेणी से भिन्न है। इस भूमि में 132 केवी हाइटेंशन लाइन गुजर रही है। यह भूमि कॉलेज की डिमांड के अनुरूप अतिरिक्त भूमि के तौर पर आवंटित करना प्रस्तावित है। इसके अलावा दूसरे एजेंडे पर चर्चा करते हुए सभापति ने बताया कि शहर का अब एक मास्टर प्लान नहीं होगा, बल्कि शहर को सात जोन में बांट कर कार्ययोजनाएं तैयार होंगी। इसके लिए नगरीय निकाय विभाग के निर्देश पर परिषद की ओर से जोनल डवलपमेंट प्लान बनवाया जाएगा। प्लान का ड्राफ्ट निजी कंसल्टेंट एजेंसी से तैयार कराया जाएगा। कंसल्टेंट की ओर से डिजिटल नक्शे तैयार किए जाएंगे। निर्धारित जोन में प्लान के मुताबिक शहर की जरूरतें और विकास की कार्ययोजना तैयार हो सकेगी। जोनल प्लान के अनुसार ही परिषद सहित अन्य निर्माण एजेंसी कार्य कराएंगे। वहीं आम आदमी को भी निर्माण कार्य आदि की अनुमति प्लान के मापदंडों को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी। नए जोनल प्लान में पार्क, बहुमंजिला इमारत, पार्किंग प्लेस, सडकों और रास्तों आदि का निर्धारण किया जाएगा। भविष्य की कार्ययोजनाएं इसी के हिसाब से तय होंगी। यह अगले 20 साल के लिए होगा। बैठक में इन दोनों एजेंडों को सर्वसम्मति से पास किया गया। करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में सभापति के अलावा उपसभापति अनिल खीचड़, आयुक्त पूजा शर्मा, अधिशासी अभियंता सुभाष बंसल, पार्षद व निर्माण समिति अध्यक्ष सुमित रणवां, पार्षद सुरेन्द्र गोंद, गुरदीप चहल, अब्दुल हाफिज, मदन बाघला, नन्दू गुर्जर, नगीना बाई, मंजू रणवां, संतोष बंसल, प्रदीप ऐरी, महादेव भार्गव, स्वर्णसिंह, गुरदीप बराड़ सहित अन्य पार्षद व नगर परिषद अधिकारी मौजूद थे।
अश्वशाला के लिए पुलिस को निशुल्क जगह देने का विरोध
बैठक में सभापति गणेश राज बंसल की ओर से दो एजेंडों के अलावा तीसरा एजेंडा रखा गया कि जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से पुलिस लाइन के पीछे अश्वशाला के लिए निशुल्क जमीन आवंटित करने के लिए नगर परिषद को पत्र लिखा गया है। इस एजेंडे का विपक्ष के साथ पक्ष ने भी विरोध किया। विपक्ष के पार्षद राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि पहले ही नगर परिषद की ओर से 100 बीघा जमीन पुलिस को दे रखी है, उसमें खेती की जा रही है। चौधरी ने निशुल्क जमीन देने का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस शुल्क पर जमीन ले सकती है। वहीं विपक्ष के पार्षद प्रदीप ऐरी ने कहा कि जब नगर परिषद की ओर से पीएचईडी से जगह खाली करवाई जा सकती है तो पुलिस की ओर से पुलिस लाइन के पीछे जिस जगह को आवंटन करवाने की बात कही जा रही है वहां चारदीवारी कर किया गया कब्जा क्यों नहीं हटाया जा सकता। इस पर सभापति बंसल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पुलिस नगर परिषद के काम आती है। मांगने पर तुरंत जाब्ता उपलब्ध करवा दिया जाता है। इस पर पक्ष के पार्षद सुरेन्द्र गोंद ने कहा पुलिस का काम जाब्ता देना है। उन्होंने भी कहा कि पुलिस को जमीन निशुल्क नहीं दी जाए। रिजर्व प्राइस में दे दी जाए। वहीं पक्ष के ही पार्षद गुरदीप चहल ने भी कहा कि नगर परिषद की ओर से आवंटित जगह पर खेती करना गलत है, ऐसे में पुलिस को निशुल्क जमीन नहीं देनी चाहिए। विरोध के चलते इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई। इसके अलावा बैठक में चौथा एजेंडा और रखा गया। चौथे एजेंडे पर चर्चा के बाद गांव नवां के पास आरएसी के लिए जगह आवंटित करने पर सभी ने सहमति जताई।
बिना प्लानिंग पैसा बहा रही नगर परिषद : भार्गव
बैठक के दौरान विपक्षी पार्षद महादेव भार्गव ने कहा कि अब तक नगर परिषद 100 करोड़ रुपए के भूखण्ड नीलाम कर चुकी है लेकिन फिर भी शहर को बरसाती पानी में डूबने से बचाने के लिए कोई खास कार्य नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गत दिनों हुई नाममात्र की बारिश में पूरे शहर का बुरा हाल हो गया। नालियां ओवरफ्लो होने से सडकों ने तालाब का रूप धारण कर लिया। नगर परिषद की ओर से एक साल में 50 लाख से ज्यादा नालियों पर खर्च कर दिया गया लेकिन सडक व नाली का लेवल सही न होने के चलते मानसून से पहले ही नाममात्र की बारिश ने नगर परिषद के कार्यांे की पोल खोलकर रख दी है। भार्गव का कहना था कि पिछले कार्यकाल में भी नगर परिषद की ओर से बिना प्लानिंग कार्य करवाए गए। अब कांग्रेस बोर्ड में भी बिना प्लानिंग के पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास चाहे जितना मर्जी हुआ हो, बारिश ने पोल खोल दी है। पानी निकासी की कोई प्लानिंग नहीं है। निर्माण कार्यांे में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की जांच के लिए नगर परिषद में लैबोरेट्री बनाई गई थी लेकिन आज तक कोई जांच नहीं हुई। इस पर पक्ष के पार्षद व निर्माण समिति अध्यक्ष सुमित रणवां ने कहा कि भाजपा बोर्ड के समय भी एसटीपी पर 9 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। लेकिन तब भी हालात नहीं सुधरे थे। उस समय वे क्यों नहीं बोले। अब कांग्रेस का बोर्ड है और काम हो रहा है तब भी शिकायत है। वहीं सभापति गणेश राज बंसल ने कहा कि आगामी प्लानिंग पर चर्चा के लिए ही यह बैठक रखी गई है। लगातार निर्माण कार्यांे की मॉनिटरिंग हो रही है। गुणवत्ता की जांच की जा रही है।