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द गैंग ऑफ मारवाड़:राजू ने रिश्तेदार की नाक काट रखा क्राइम की दुनिया में कदम, कांस्टेबल की हत्या के बाद मारवाड़ और शेखावाटी में फैलाना चाहते थे दहशत

भीलवाड़ा

भीलवाड़ा में दो कांस्टेबल की हत्या करने वाले राजू फौजी को राजस्थान के कई जिलों में पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस को इसका सुराग मारवाड़ क्षेत्र के जोधपुर से लगा। यहां चौपासनी पुलिस ने जब राजू फौजी की मदद करने वाले उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया तो यहां नई कहानी सामने आई। पता चला कि राजू फौजी ने कांस्टेबल की हत्या करने के बाद जोधपुर के हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू की सुपारी ली थी। जब पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि राजू फौजी कांस्टेबल की हत्या करने के बाद मारवाड़ और शेखावाटी में अपना नेटवर्क फैलाना चाहता था।

दरअसल, राजू फौजी के अपराध की दुनिया में आने की कहानी शुरू होती है 8 साल पहले। वह सेना की ड्यूटी से भागकर आ गया था। वह अपने गांव डोली में ही रह रहा था। उसके खिलाफ सबसे पहला आपराधिक मामला अपने ही एक रिश्तेदार के साथ मारपीट और उसकी नाक काटने का हुआ था। इसके बाद धीरे-धीरे उसने अपराध का रास्ता पकड़ लिया और तस्करी करने लगा। भीलवाड़ा में कांस्टेबल की हत्या करने के बाद राजू फौजी ने जोधपुर को अपना ठिकाना बनाया। सबसे पहले उसने कैलाश मांजू के इलाके में सेंधमारी की। इसके बाद अब फौजी कुख्यात अपराधी राजू ठेहठ के इलाके में भी अपना कब्जा जमाने की फिराक में है। क्योंकि जोधपुर के बाद अब उसके नागौर जिले में छिपे होने की जानकारी सामने आई है। जो राजू ठेहट का एरिया है। इधर, राजू फौजी पुलिस के हत्थे भी नहीं चढ़ पा रहा है। जब भी पुलिस राजू फौजी के ठिकानों पर दबिश देने की तैयारी करती है। उससे पहले ही कर राजू फौजी अपना ठिकाना बदल देता है।

कांस्टेबल की हत्या के बाद मारवाड़ और शेखावटी में फैलाना चाहता है नेटवर्क
कांस्टेबल की हत्या के बाद राजू फौजी जोधपुर और शेखावटी एरिया में अपना नेटवर्क फैलाना चाहता था। इसके लिए भीलवाड़ा से वह सीधा जोधपुर गया और यहां उसने कई दिनों तक फरारी काटी। जोधपुर में कैलाश मांजू की 80 लाख रुपए में सुपारी ली। यहां से वह राजू ठेहठ के एरिया में अपना खौफ फैलाना चाहता था इसके लिए जोधपुर से वह नागौर जिले की तरफ गया। यह भी बताया जा रहा है कि राजू फौजी को लॉरेंस की गैंग का भी सपोर्ट है। वह इसलिए क्योंकि राजू ठेहठ और लॉरेंस दोनों गैंग एक-दूसरे की दुश्मन है। फौजी इसी एरिया में अपनी पकड़ बनाना चाह रहा था। इसलिए लॉरेंस का साथ चुना।

अब तक कई ठिकाने बदल चुका है फौजी
राजू फौजी भीलवाड़ा में कांस्टेबल की हत्या करने के बाद सबसे पहले जोधपुर के झालामंड के पास गुड़ा विश्नोइयान में छिपा था। इसके बाद नांदड़ी बनाड़ में उसने नया ठिकाना बनाया। पुलिस का शिकंजा कसता देख उसने जोधपुर छोड़ दिया और नागौर की तरफ अपना रुख कर लिया। कयास यह भी है कि राजू फौजी के राजस्थान के अलावा हरियाणा, पंजाब व नेपाल में भी कई ठिकाने हैं। जहां इससे पहले भी वह शरण ले चुका है।

अपने पास नहीं रखता मोबाइल, न ही किसी से कान्टेक्ट
राजू फौजी के बारे में यह भी जानकारी मिली है कि वह ना ही मोबाइल फोन रखता है और ना ही कोई भी डिजिटल गैजेट वह अपने पास रखता है। उसे किसी से बात भी करनी होती है तो वह अपने किसी परिचित का फोन लेकर कॉल करता है। बात होने के बाद वह कुछ ही मिनटों में उस एरिया को छोड़ देता है। अगर, राजू फौजी को किसी से मिलना भी है तो वह बिना बताए, मौका देख उससे मिलता है।

पाबूराम है फौजी का ड्राइवर और सबसे विश्वासपात्र
बताया जा रहा है कि भीलवाड़ा में कांस्टेबल की हत्या में वांछित चल रहा पाबूराम जाट राजू फौजी का सबसे विश्वासपात्र आदमी है। राजू फौजी जब भी सफर करता है तो वह ड्राइवर के तौर पर सिर्फ पाबूराम का ही विश्वास करता है। इसके अलावा राजू फौजी प्रकाश और रमेश भणिया पर भी आंख मूंदकर विश्वास करता है।

पुलिस का भी दावा: लास्ट लोकेशन नागौर में मिली
राजू फौजी की तलाश पुलिस सभी जगह कर रही है। जोधपुर में उसने कैलाश मांजू को मारने की सुपारी ली थी। राजू फौजी की पुलिस को लास्ट लोकेशन नागौर में मिली है। पुलिस उसे लगातार तलाश कर रही है।

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