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दुष्कर्म कर शादी के लिए दबाव बना किया ब्लैकमेल, आहत पीड़िता ने किया आत्मदाह ,दोषी को बीस साल कारावास

श्रीगंगानगर। बिरादरी में ताऊ के बेटे भाई ने नाबालिगा को रुमाल में कोई सामग्री सुंघा बेहोशी हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके अलावा उसके अश्लील वीडियो और फोटो भी बना ली। इन्हीं वीडियो और फोटो को दिखाकर उसने नाबालिगा को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इसी ब्लैकमेलिंंग से परेशान होकर नाबालिगा द्वारा आत्महात्या करने के मामले में न्यायालय ने दोषी युवक को 20 साल कठोर कारावास और 85 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। पीड़िता ने ब्लैकमेलिंग से तंग आकर आत्महत्या के प्रयास के बाद पुलिस द्वारा उसकी सुनवाई नहीं होने पर पीड़िता पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत और इस मामले में परिवाद सौपा था। पुलिस अधीक्षक के दखल के बाद लालगढ़ थाना में आरोपित युवक के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज हुआ था। परन्तु कुछ समय बाद पीड़िता की मौत हो गई थी। पोक्सो न्यायालय द्वारा चार साल पुराने मामले का निस्तारण करते हुए विभिन्न धाराओं में दोषी ताराचन्द उर्फ ताराराम पुत्र राजाराम विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए 20 साल कारावास और 85 हजार रुपए अर्थदण्ड लगाया है। मुलजिम गिरफ्तारी के बाद से ही न्यायिक अभिरक्षा में। अर्थदण्ड नहीं देने की स्थिति में उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
पीड़िता से बेहोशी की हालत में किया दुष्कर्म
मामले के अनुसार पीड़िता ने अपनी मां के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में उनसे मुलाकात कर 3 जून 2019 को परिवाद सौंपा। इसमें बताया कि तीन माह पूर्व बिरादरी में ताऊ के बेटे ताराराम उर्फ ताराचन्द ने जब वह घर पर अकेली थी तो उसे कोई चीज सुंघाकर बेहोशी की हालत में दुष्कर्म किया। होश आने पर पीडिता कोे ताराराम ने बताया कि उसके वीडियो और फोटो बनाएं है। अगर किसी तो बताया तो इन्हे वायरल कर देगा। इसके बाद लगातार वीडियो और फोटो के जरीए ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करता। 3 अप्रेल को उसने अपने घर बुलाया और वीडियो फैलाने का डर दिखाते हुए घर से सोना,चांदी,नगद रुपए लाने के लिए कहा। डर में मारे घर पर रखे 15 ग्राम तोला सोना, बिन्टी कांटा, मंगलसूत्र व 500 ग्राम चांदी आदि व 20 हजार रुपए नगद लेकर घर से बाहर आ गई। ताराराम मोटरसाइकल पर बैठकर अपने घर ले गया और सारा सामान माता-पिता को दे दिया। इसके बाद सुबह 7-8 बजे घर के आगे छोड़ गया। घर आने पर परिजनों को घटनाक्रम बताया। परिजनों ने उलहाना दिया तथा रिश्तेदारों की पंचायत बुलाई। इसमें ताराराम ने गलती मानी और फिर ऐसा नहीं करने की बात कही। 4 मई को फिर वह घर आया और वीडियो का हवाला देते हुए दुष्कर्म किया साथ ही बताने पर माता-पिता को मारने की धमकी दी। रोज-रोज होने वाली ब्लैकमेलिंग से तंग आकर मिट्टी का तेल डाल खुद को आग लगा ली। इस पर उसे इलाज के लिए गंगानगर और बीकानेर रखा गया। 30 मई को छुट्टी मिल गई। घर आने पर पुलिस वालों ने बयान लिए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की। इस पर एसपी ने लालगढ़ थानाधिकारी को निर्देश देकर विभिन्न धाराओं में मुकद्Þदमा दर्ज करवाया। दौराने जांच पीड़िता की मौत हो गई। अनुसंधान के बाद पुलिस ने ताराराम को आत्महत्या दुष्प्रेरणा सहित कई धाराओं में दोषी मानते हुए सक्षम न्यायालय में 6 अगस्त को चालान पेश किया। जिसका निस्तारण करते हुए न्यायालय ने उसे दण्डित किया।
इन धाराओं में माना दोषी
पोक्सो न्यायालय द्वितीय की लोक अभियोजक नवप्रीत कौर ने बताया कि प्रकरण के न्यायालय में चले ट्रायल के दौरान अभियोजन की ओर से 11 गवाह और 30 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। जिस पर न्यायालय ने आरोपित ताराराम उर्फ ताराचन्द उर्फ तारा पुत्र राजाराम को धारा 306 में 10 साल कारावास 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 376(3) के तहत 20 साल कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना, धारा 5(एल)/6 के तहत 10 साल करावास और 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 5(एन)/6 के तहत 10 साल कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना और धारा 3/4 के तहत 7 साल कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में मुलजिम को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं एक साथ चलेगी। लोक अभियोजक ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद से ही मुलजिम न्यायिक अभिरक्षा में है।