श्रीगंगानगर
कोरोना की तीसरी लहर इन दिनों जोर पकड़ रही है। श्रीगंगानगर में ही करीब 25 से ज्यादा कोरोना एक्टिव केस हैं। कोरोना से लड़ने के लिए पहली और दूसरी लहर के बाद आनन-फानन में सरकारी अस्पताल में कई व्यवस्थाएं की गईं। अस्पताल में तीन ऑक्सीजन प्लांट लगवा भी लिए गए लेकिन अब भी इनमें से काम एक ही आ रहा है। शेष दो को टैस्ट करके चलने लायक पाया तो गया है लेकिन इन्हें चलाने के लिए स्टाफ की व्यवस्था अब भी अस्पताल मैनेजमेंट के पास नहीं है।
सिक्योरिटी गार्ड चला रहे ऑक्सीजन प्लांट
अस्पताल में अभी तीन ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं। इनमें से एक कोरोना की पहली लहर से पहले से ही चल रहा है तथा यह अस्पताल की डिमांड पूरी कर पाता है। ऐसे में यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो नए बने हुए प्लांट की जरूरत महसूस होगी। अभी चल रहे एक मात्र प्लांट के संचालन के लिए भी सिक्योरिटी गार्ड ही काम कर रहे हैं। अस्पताल के एक- दो गेटों से इन्हें हटाकर यहां लगाया गया है।
ऑक्सीजन हुई एवेलेबल, स्टाफ नहीं
कोरोना की पहली लहर के बाद से ही अस्पताल में एक्सट्रा ऑक्सीजन प्लांट की डिमांड होने लगी थी। इसी को देखते हुए पहले 65 और फिर करीब दो सौ सिलेंडर क्षमता के दो प्लांट लगाए गए। ऐसे में अस्पताल में तीन ऑक्सीजन प्लांट हो गए लेकिन अब भी चल एक ही रहा है।
लगातार बढ़ रहे कोरोना रोगी
इलाके में कोरोना रोगी मिल रहे हैं। पिछले दिनों विदेश से लौटा एक रोगी पाए जाने के बाद तो प्रशासन लगातार रोग को लेकर अलर्ट है। सीएमएचओ डॉ. जीएल मेहरड़ा ने प्रशासन की तैयारियों की जानकारी भी दी लेकिन इसके बावजूद अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चलाने को स्टाफ को लेकर अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं है।
सरकार ही देगी ध्यान
सरकारी अस्पताल के पीएमओ डॉ. बलदेव सिंह बताते हैं कि अस्पताल में कोरोना को लेकर तैयारी है। कोरोना वार्ड में अब तक कोई रोगी नहीं है। ऑक्सीजन प्लांट के बारे में उनका कहना था कि प्लांट तो तीनों तैयार हैं। एक काम कर रहा है और बाकी दोनों को भी टैस्ट कर लिया गया है लेकिन इन्हें चलाने के लिए स्टाफ नहीं है। चलाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड में से ही व्यवस्था करनी पड़ेगी।