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ड्रग्स और हथियारों की तस्करी से लेकर बम धमाके तक, खालिस्तानी परमजीत सिंह पंजवड़ का कच्चा-चिट्ठा

नई दिल्ली। आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवाड़ को शनिवार को लाहौर में मार गिराया गया। वह शहर में सनफ्लॉवर सोसाइटी में घुस गया था, जहां उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह छह बजे बाइक सवार दो लोग हमला करके फरार हो गए।
कौन था परमजीत सिंह?
आतंक का सरगना बन चुका परमजीत सिंह पंजवड़ 1990 से पाकिस्तान की शरण में था। वह पाकिस्तान में मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था। परमजीत सिंह पंजवड़ पंजाब के तरनतारन जिले के झबल थाना अंतर्गत गांव पंजवड़ का रहने वाला था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2020 में 9 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम आठवें नंबर पर था। परमजीत सिंह के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (इङक) का प्रमुख वधवा सिंह बब्बर का नाम भी इस लिस्ट में शामिल था, जो तरनतारन के दसूवाल गांव का रहने वाला है। परमजीत सिंह पंजवड़ 90 के दशक से पाकिस्तान में शरण लिए हुए था।
ड्रोन के जरिए करता था ड्रग्स की तस्करी
परमजीत सिंह भारतीय पंजाब में ड्रोन के जरिए ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में शामिल था। वह अपने चचेरे भाई लाभ सिंह की तरफ से उकसाए जाने के बाद कट्टरपंथी बना। बाद में वह 1986 में केसीएफ में शामिल हो गया था। इससे पहले वह सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम किया था।
लाभ सिंह की हत्या के बाद, 1990 के दशक में पंजवड़ ने केसीएफ की कमान संभाली और पाकिस्तान चला गया। पाकिस्तान द्वारा शरण दिए जाने के बाद पंजवड़ ने सीमा पार हथियारों की तस्करी और हेरोइन की तस्करी के माध्यम से धन जुटाकर केसीएफ को फंड करने लगा। पाकिस्तान सरकार की ओर से इनकार के बावजूद पंजवड की पत्नी और बच्चे जर्मनी चले गए।
1999 में चंडीगढ़ में हुआ बम ब्लास्ट
भारतीय एजेंसियों के मुताबिक 30 जून 1999 को चंडीगढ़ में पासपोर्ट आॅफिस के पास हुए बम धमाके को खालिस्तान कमांडो फोर्स का सरगना परमजीत सिंह पंजवड़ ने अंजाम दिया था। उस बम विस्फोट में 4 लोग घायल हो गए, जबकि कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। बम स्कूटी की डिक्की में रखा हुआ था।