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जल जीवन मिशन घोटाला, राजस्थान में एऊ के छापे:पहली बार गुजरात से बुलाई गई टीम; अधिकारियों, इंजीनियर और ठेकेदारों के घरों पर रेड

जयपुर। देश की सबसे बड़ी पेयजल योजना जल जीवन मिशन में हुए करोड़ों के फजीर्वाड़े को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (एऊ) की टीम ने राजस्थान में कार्रवाई कर रही है। ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह 6 बजे जयपुर और अलवर में कई ठिकानों पर छापेमारी की। कार्रवाई जल जीवन मिशन से जुड़े ठेकेदार, जलदाय विभाग के अधिकारियों के घर पर की जा रही है।
जानकारी अनुसार, जहां ईडी की आज रेड हुई है। वह राजस्थान के एक बड़े नेता के करीबी हैं। छापेमारी जयपुर के वैशाली नगर, झोटवाड़ा, सिंधी कैंप के साथ अलवर में दो जगहों पर की गई है। अब तक की जानकारी के अनुसार ईडी की दिल्ली और जयपुर टीम के अलावा पहली बार गुजरात की टीम को भी जयपुर में कार्रवाई के लिए बुलाया गया है।
एसीबी के रडार में आए ठेकेदार और अफसर जांच के दायरे में
सूत्रों की मानें तो जलदाय विभाग के जिन अधिकारी और ठेकेदार को एसीबी ने हाल ही में पकड़ा था। उनके भी घरों पर भी ईडी के अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं। पीएचईडी के मुख्य कार्यालय और विभागीय कार्यालय में भी ईडी की टीम आॅफिस खुलने के बाद पहुंच सकती है। ईडी के राजस्थान आने के बाद से ब्यूरोक्रेसी, राजनेताओं में हड़कंप मचा हुआ हैं। जलजीवन मिशन में हुए घोटालों को लेकर ईडी का सर्च जारी है।
संजय बडाया के बनीपार्क स्थित घर पर भी ईडी के अधिकारी नोट गिनने की मशीन लेकर पहुंचे हैं। सूत्रों की मानें तो संजय के बेडरूम के पास वाले कमरे में पैसा मिला है। दरअसल, संजय को भनक लग चुकी थी कि उस पर कभी भी कोई कार्रवाई हो सकती है। यह बात इसलिए सामने आई क्योंकि संजय ने गुरुवार दोपहर 1 बजे ही अपना मोबाइल बदल लिया था। संजय के पास जो आईफोन था। उसे उसने छिपा दिया। ईडी के अधिकारी उस आईफोन के बारे में भी संजय से पूछताछ कर रहे हैं। संजय का जो मोबाइल एक्टिवेट है। उसमें ईडी को अभी तक कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं।
बहरोड़ में जलदाय विभाग के एक्सईएन मायालाल सैनी के सरकारी आवास पर भी रेड पड़ी है। सुबह 7 बजे के आसपास जयपुर नंबर की टैक्सी कार में एऊ अधिकारी यहां पहुंचे। सैनी के सरकारी आवास पर लॉक लगा हुआ था। जांच टीम ने आसपास के लोगों को मौके पर बुलाया तो पता चला खाना बनाने वाली महिला के पास चाबी रहती है। अब उस महिला की तलाश की जा रही है। दरअसल, सैनी को एसीबी ने 6 अगस्त को जयपुर के होटल पोलो विक्ट्री के पास 2.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उन्हें नीमराणा के खएठ प्रदीप कुमार, रिश्वत देने वाले ठेकेदार पदमचंद जैन और उसकी कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह सहित एक अन्य व्यक्ति को पकड़ा गया था। तब कार्रवाई के दौरान गाड़ी और आॅफिस से कुल 2.90 लाख रुपए मिले थे।
घोटाले से जुड़ी सभी फाइलें खंगाली जाएंगी
जलजीवन मिशन में पानी की पाइपलाइन की खरीद में हुए घोटाले को लेकर ईडी के अधिकारी सभी दस्तावेजों की जांच करेंगे। इससे पता चलेगा की कब टेंडर हुआ। टेंडर लेने वाली कंपनी का बैक ग्राउंड, टेंडर पास होने के बाद पाइपों की खरीद में किस का हाथ रहा। कहां से पुराने पाइप खरीद कर बिछाए गए?
क्या है जल जीवन मिशन घोटाला?
पहला- ग्रामीण पेयजल योजना के तहत सभी ग्रामीण इलाकों में पेयजल की व्यवस्था होनी थी। जिस का खर्चा राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को 50-50 प्रतिशत करना था। इस योजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइप लाइन डाली जानी थी। इस की जगह पर एचडीपीई की पाइप लाइन डाली गई।
दूसरा- पुरानी पानी की लाइनों को नया बता कर पैसा लिया गया। जब की जमीन में लाइन डाली ही नहीं गई।
तीसरा- कई किलोमीटर तक आज भी पानी की लाईन डाली ही नहीं गई हैं, लेकिन उसका ठेकेदारों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिल कर पैसा उठा लिया।
चौथा- ठेकेदार पदम जैन ने हरियाणा से चोरी के पाइप लेकर आए और उसे नया पाइप बता कर बिछा दिया और सरकार से करोड़ों रुपए ले लिया।
पांचवा- ठेकेदार पदम जैन ने फर्जी कंपनी के सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया, जिस की अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी उसे टेंडर दिया गया। क्योंकि वह एक राजनेता का दोस्त था।