जयपुर.
नूनं जनाः सूर्येण प्रसूता अयन्न्थानि कृणवन्नपाँसि।
यानी- सूर्य से प्रेरणा लेकर मनुष्य जिस मात्रा में कर्म करता है, उसी मात्रा में उसे पदार्थों का लाभ मिलता है।
जयपुर में सूर्य की पहली किरण सबसे पहले गलता गेट के सूर्य मंदिर का स्पर्श करती है। सूर्य की आखिरी किरण भी इसी मंदिर पर पड़ती है। दैनिक भास्कर नए साल पर सूर्योदय की पहली किरण का यह वीडियो और फोटो आपके लिए लाया है। क्योंकि यह साल सूर्य के समान पूर्ण उल्लास और ऊर्जा के साथ विकास का प्रकाश लेकर आ रहा है।
भास्कर की टीम सुबह 6:30 बजे सूर्य मंदिर पहुंची, फिर यहां सूर्य की पहली किरण के उदय होने का इंतजार किया। सूर्य की पहली किरण निकलने से पहले बादलों में सतरंगी आभा बिखरने लगी। जैसे-जैसे पल गुजर रहे थे, यह आभा कम होती जा रही थी और सोने जैसी आभा का प्रकाश तीव्र होता जा रहा था। जैसे ही सुबह 7:16 बजे सूर्य की पहली किरण निकली तो उसे आपके लिए कैमरे में कैद किया।

मंदिर के पुजारी पं. मदनलाल शर्मा बताते हैं कि जब मंदिर के ठीक सामने मध्य में सूर्योदय होता है तब सूर्य की किरणें मंदिर की प्रतिमा को स्पर्श करती हैं।
प्रतिमा को स्पर्श करने की घटना उस वक्त होती है जब सूर्य पूर्व दिशा में आता है यानि एक बार मार्च में चैत्र नवरात्र के दौरान और दूसरी बार 21 सितंबर के बाद अश्विन नवरात्र में। दोनों बार 15 दिन तक किरणों का सूर्यदेव की प्रतिमा पर स्पर्श होता है। इतिहासकार संतोष वशिष्ठ बताते हैं कि सूर्य मंदिर न केवल आध्यात्मिक, धार्मिक एवं दर्शनीय स्थल है बल्कि जयपुर का सूर्योदय और सूर्यास्त बिंदु भी है। जयपुर की सूरज की पहली और आखिरी 90 अंश की किरण इसी मंदिर पर पड़ती है।
धार्मिक: शरीर पर सूर्य किरण पड़ने से आदित्य योग बनता है
ज्योतिषाचार्य दामोदर शर्मा के अनुसार सूरज की पहली किरण पृथ्वी पर पड़ने पर नकारात्मक शक्तियों को समाप्त कर देती है, साथ ही सकारात्मक उर्जा को प्रभावित करती है। खास बात यह है कि सूर्य की किरण जब शरीर पर पड़ती है तो उससे आदित्य योग का निर्माण होता है, यह योग मनुष्य की आत्म शक्ति को बढ़ाने वाला होता है।
इसी सूर्य किरण के साथ प्रकृतिक संयोग बने यानी पेड़ों के मध्य से होते हुए यह किरण मनुष्य के शरीर को स्पर्श करती है तो बुद्धादित्य योग का निर्माण होता है। इसमें किरण व्यक्ति को उर्जा के साथ बुद्धिवान भी बनाने का काम करती है। सूर्य किरण का ज्योतिष शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। नये साल की पहली किरण का स्पर्श सालभर उर्जा से भरने वाला है।