जयपुर. जयपुर की शेरनी ‘तारा’ और जोधपुर का शेर कुनबा बढ़ाएंगे। इसके लिए वन विभाग ने प्रयास किए और पहले चरण की सफलता भी मिल गई है। वन्यजीव एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जोधपुर के माचिया बायोलॉजिक पार्क से एशियाटिक शेर GS को बुधवार सुबह करीब 10 बजे जयपुर लाया गया। डिपार्टमेंट के बड़े अफसरों की देखरेख में GS ने 10 घंटे में 351 किलोमीटर का सफर तय किया है। 9 साल के GS को तारा का जोड़ा बनाकर लॉयन सफारी में रखने की तैयारी है। इससे पहले नाहरगढ़ स्थित बायोलॉजिक पार्क में 3 सप्ताह तक GS को क्वारैंटाइन रखा जाएगा।

जोधपुर से जयपुर लाए गए एशियाटिक शेर GS को 21 दिन के लिए क्वारैंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद जांच के बाद उसे लॉयन सफारी में छोड़ा जाएगा।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के सीनियर एनिमल डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि जोधपुर से जयपुर तक एक सफर के दौरान GS को हर 50 किलोमीटर पर गाड़ी को रोक-रोक कर आराम दिया गया। उसे खाने में चिकन और मटन दिया गया। ताकि वह भूखा रहकर चिड़चिड़ा न हो जाए। उसे 6 महीने के ‘ब्रीड लोन’ पर जयपुर लाया गया है।

जयपुर पहुंचे GS ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शेरनी तारा को देख लगाई दहाड़।
बायोलॉजिकल पार्क में GS का जोड़ा शेरनी तारा के साथ बनाया जाएगा। ताकि दोनों की मीटिंग के बाद बायोलॉजिकल पार्क में शेरों का कुनबा बढ़ सके। इसके साथ ही GS तारा के साथ ओपन लॉयन सफारी में रखा जाएगा। ऐसे में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आने वाले सैलानी नजदीक से देख सकेंगे।

शेर GS इससे पहले भी 2 बार मेटिंग करके एशियाटिक शेरों का कुनबा बढ़ा चुका है।
डॉ. माथुर ने बताया कि शेरनी तारा साल 2019 से अकेली रह रही थी। ऐसे में उसका जोड़ा बनाने के लिए गुजरात के जूनागढ़ स्थित शक्करबाग से शेर लाने का प्रस्ताव था। सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद उदयपुर सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से भी शेर जयपुर नहीं ला पाए थे। जोधपुर से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 6 महीने के लिए GS को जयपुर लाया गया है। GS पहले भी दो बार मेटिंग कर शेरों का कुनबा बढ़ा चुका है।