Tuesday, February 18निर्मीक - निष्पक्ष - विश्वसनीय
घने कोहरे में लिपटी नजर आई साल के अंतिम दिन की सुबह
by seemasandesh
सर्द हवा से बढ़ा ठंड का असर, दोपहर को निकली धूप से मिला सुकून हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। करीब दस दिनों से मौसम में आया बदलाव शनिवार को इस साल के अंतिम दिन भी नजर आया। साल के अंतिम दिन की सुबह भी घने कोहरे में लिपटी रही। सर्द हवाओं ने ठंड का असर और बढ़ा दिया। कोहरे से सड़क मार्ग पर जहां वाहन चालकों को आवाजाही में परेशानी हुई, वहीं सर्द हवाओं से पारा गिर गया। इससे ठंड का असर बढ़ गया। कई जगह ग्रामीण क्षेत्र में सुबह घना कोहरा रहा। इससे इन इलाकों में विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम रही। सुबह-सुबह ग्रामीण इलाकों में 70-80 मीटर दूरी से व्यक्ति या मकान नजर नहीं आ रहा था। वाहन चालक वाहनों की लाइट जला कर ड्राइविंग करते नजर आए। बढ़ती सर्दी से लोग ग्रामीण अंचल में अलाव तापते भी नजर आए। सुबह करीब 11 बजे बाद धूप निकली तो कड़ाके की सर्दी से कुछ निजात मिली। धूप खिलने पर टाउन के सेंट्रल पार्क में रौनक नजर आई। बच्चे व उनके परिजन पार्क में धूप का आनंद लेते नजर आए। मौसम केन्द्र जयपुर ने शनिवार से राजस्थान में उत्तरी सर्द हवाओं का प्रभाव बढ़ने और 2-3 जनवरी से तापमान और गिरने की संभावना जताई है। जनवरी के पहले सप्ताह से कोल्ड-डे और कोल्ड-वेव (शीतलहर) का दौर शुरू होने का अनुमान भी जताया है। मौसम केन्द्र जयपुर ने जो फोरकास्ट जारी किया है उसमें राज्य के पश्चिमी व उत्तरी भागों में कहीं-कहीं घना कोहरा व कोल्ड डे दर्ज होने की संभावना जताई है। इसके अलावा न्यूनतम तापमान में और 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने और आगामी दिनों में राज्य में शीतलहर चलने की संभावना जताई है। संगरिया स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र की मौसम इकाई के पूर्वानुमान के अनुसार हनुमानगढ़ जिले में 4 जनवरी तक बारिश की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में उत्तरी-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से पुन: तापमान में गिरावट, शीतलहर और घने कोहरे का दौर शुरू हो सकता है। चार दिनों में अधिकतम तापमान 17.0 से 19.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4.0 से 10.0 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। सापेक्ष आर्द्रता 11-55 प्रतिशत हो सकती है। हवा की औसत गति 5.0 से 11.0 किमी प्रति घंटे हो सकती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक कोहरा रबी की फसल के फायदेमंद है। इससे फसलों को नमी मिलती है। सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती। गेहूं, सरसों, चना, जौ आदि के लिए पानी की कुछ जरूरत इस कोहरे से पूरी हो जाती है। दिसंबर माह के अंतिम दिनों में बदले मौसम के मिजाज और विजिबिलिटी के बढ़ने से गेहूं-सरसों की फसल में लगातार ग्रोथ जारी है। ग्रोथ से फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी।