कोच्चि
राहुल गांधी की ओर से ‘एक व्यक्ति एक पद’ का संकल्प याद दिलाए जाने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सुर बदल गए हैं। कांग्रेस की कमान के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की इच्छा जाहिर कर चुके गहलोत ने राहुल गांधी की ओर से दो पद के लिए ‘ना’ कहने के बाद रुख बदल लिया है। अब उन्होंने माना है कि दोनों पदों पर एक साथ काम करने से न्याय नहीं होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ने की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि वह जीतते हैं तो मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे।
राहुल गांधी से एक बार फिर अध्यक्ष बनने की अपील करने के लिए कोच्चि पहुंचे अशोक गहलोत ने मीडिया कर्मियों से बाचीत में कहा, ”दो पद की कोई समस्या नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष जो बनेगा न्याय तभी कर पाएगा, उसे पूरे मुल्क में काम करना है, दो पद पर काम हो नहीं सकता है। लेकिन इसमें कोई बाधा नहीं है, कोई भी खड़ा हो सकता है। एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला यहां लागू नहीं होता है। परंतु कांग्रेस अध्यक्ष कोई बनता है तो वह दो पद पर काम नहीं कर सकता है ना, उसे पूरे देश का देखना होगा। न्याय करने के लिए एक पद पर रहना ज्यादा उचित है।”