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गहलोत ने दी 265.64 करोड़ रुपए की जल परियोजनाओं से जुड़े कार्यो सहित विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी

जयपुर (वार्ता). राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 265.64 करोड़ रुपए की लागत के पन्द्रह कार्यों, जोधपुर में एमआईसीई सेंटर के निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपए तथा जोधपुर एवं बीकानेर में अम्बेडकर मिरासी-भिश्ती महाविद्यालय स्तरीय छात्रावासों का निर्माण सहित विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की है।
श्री गहलोत पिछले कई दिनों से लगातार जनहित एवं विकास कार्यों के प्रस्तावों को स्वीकृतियां दे रहे है और शनिवार को भी उन्होंने विभिन्न प्रस्तावों को मंजूर किया। उनकी इस स्वीकृति से बजट में की गई विभिन्न घोषणाओं सहित राजस्थान वाटर सेक्टर लाइवलीहुड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट से जुड़े 15 कार्य हो सकेंगे।
इनमें प्रतापगढ़, करौली, जालौर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, सवाई माधोपुर, उदयपुर एवं जयपुर में विभिन्न बांधों, नहरों एवं सिंचाई परियोजनाओं तथा उप परियोजनाओं में मरम्मत एवं रख-रखाव आदि से सम्बन्धित कार्य शामिल हैं।
प्रदेश में कला और व्यापार पर्यटन को बढ़ावा देने में एमआईसीई (मीटिंग इंसेंटिव कॉन्फ्रेंस एंड एग्जीबिशन) सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी के लिए प्रसिद्ध जोधपुर जिले में भी एमआईसीई सेंटर का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ने सेंटर निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी प्रदान की है। पर्यटन क्षेत्र में सिरमौर बनने की प्रतिबद्धता में यह निर्णय लिया गया है। इससे एमआईसीई टूरिज्म को गति मिलेगी।
वर्तमान में जोधपुर विकास प्राधिकरण द्वारा महिला पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परिसर की कुल आवंटित 65 हजार वर्गमीटर भूमि में से 5650 वर्गमीटर भूमि पर एमआईसीई सेंटर का निर्माण होगा। यहां प्रथम चरण में एग्जीबिशन हॉल, सेंट्रल ब्लॉक का निर्माण होगा। इस ब्लॉक में रजिस्ट्रेशन एंड इन्फॉर्मेंशन सेंटर, एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक, वीआईपी लाउंज, ट्रेड एंड बिजनेस सेंटर के लिए मीटिंग स्पेस, पार्किंग एरिया सहित विभिन्न कार्य होंगे।
इसी तरह जालोर जिले के समदड़ी-भीलड़ी रेलवे सेक्शन के गांव मोक और चूरा में रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनाए जाएंगे। आरयूबी बनाने पर 9.84 करोड़ रुपए की लागत आएगी। श्री गहलोत ने मोक के लिए 5.14 करोड़ रुपए और चूरा आरयूबी के लिए 4.70 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी प्रदान की है। उनकी स्वीकृति से गांवों के आमजन व पशुओं का आवागमन सुगम और सुरक्षित हो सकेगा एवं समय की भी बचत होगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में मोक और चूरा में प्रति आरयूबी निर्माण के लिए 2-2 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी।
राज्य सरकार प्रदेश के गौरवमयी इतिहास को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। विभिन्न जिलों में पेनोरमा के निर्माण कराए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सात स्थानों पर पेनोरमा बनाए जाने के लिए 35 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी प्रदान की है। श्री गहलोत की स्वीकृति से अजमेर में पृथ्वीराज चौहान पेनोरमा, जैसलमेर के पोकरण में इन्दिरा महाशक्ति भारत पेनोरमा, भरतपुर के डीग में महाराजा सूरजमल पेनोरमा, जयपुर में स्वतंत्रता सेनानियों के पेनोरमा बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इनके कार्यों के लिए 23 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक सहमति दी है।
साथ ही भीलवाड़ा के आसींद में बगड़ावत सवाईभोज पेनोरमा, करौली में कैला देवी पेनोरमा, जालोर में वीरमदेव कान्हड़देव चौहान का भी पेनोरमा तैयार होगा। श्री गहलोत द्वारा 12 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। यह राशि पर्यटन विभाग के माध्यम से पर्यटन विकास कोष से व्यय होगी। इन पेनोरमा से आमजन को अपने प्रेरणास्त्रोतों के अविस्मरणीय बलिदान, त्याग, साहस, स्वाभिमान और सामाजिक सरोकारों की जानकारी मिलेगी। यह पेनोरमा भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित होंगे।
मुख्यालय से बाहर नवसृजित ए.डी.जे. न्यायालयों को विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई के लिए स्थानीय क्षेत्राधिकार के तहत शक्तियां प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस आशय के प्रस्ताव का प्रशासनिक अनुमोदन किया है। अब इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी होने के बाद आठ एडीजे न्यायालयों को पारिवारिक मामलों तथा मोटर दुर्घटना दावों तथा चार एडीजे न्यायालयों को एनडीपीएस मामलों की सुनवाई की शक्तियां प्राप्त हो सकेंगी।
प्रस्ताव के अनुसार मुख्यालय से बाहर खैरथल-तिजारा जिले के भिवाड़ी (अलवर न्यायक्षेत्र), चूरू के तारानगर, बीकानेर के नोखा, बांसवाड़ा के कुशलगढ़, नागौर के जायल (मेड़ता न्यायक्षेत्र), अनूपगढ़ के रायसिंह नगर (श्रीगंगानगर न्याय क्षेत्र), दूदू के फागी (जयपुर जिला न्यायक्षेत्र) एवं नीमकाथाना जिले के खेतड़ी (झुंझुनूं न्याय क्षेत्र) में नवसृजित ए.डी.जे. न्यायालयों को पारिवारिक मामलों तथा मोटर दुर्घटना दावों की सुनवाई की शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
इसी प्रकार, मुख्यालय से बाहर अपर जिला एवं सेशन न्यायालय यथा नागौर के जायल (मेड़ता न्याय क्षेत्र), अनूपगढ़ के रायसिंह नगर (श्रीगंगानगर न्यायक्षेत्र), दूदू जिले के फागी (जयपुर जिला न्यायक्षेत्र) एवं नीमकाथाना जिले के खेतड़ी (झुंझुनूं न्याय क्षेत्र) के ए.डी.जे. न्यायालयों को एन.डी.पी.एस. मामलों की सुनवाई की शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा नीति-2023 के क्रम में पम्प्ड हाइड्रो स्टोरेज प्रोजेक्ट तथा बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट के प्रोविजनल पंजीयन हेतु अनुमति प्रदान की है। प्रस्ताव के तहत 100 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट का पंजीयन शुल्क 30 हजार रुपए प्रति मेगावाट एवं 100 से अधिक तथा 500 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट पर पंजीयन शुल्क 100 मेगावाट के लिए 30 लाख रुपए तथा उसके ऊपर प्रति 100 मेगावाट 2.50 लाख रुपए होगा।
इसी तरह 500 से अधिक एवं 1000 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट का पंजीयन शुल्क 500 मेगावाट के लिए 40 लाख रुपए तथा उसके ऊपर प्रति 100 मेगावाट 2 लाख रुपए होगा। इसी क्रम में 1000 मेगावाट से अधिक के प्रोजेक्ट का पंजीयन शुल्क 1000 मेगावाट के लिए 50 लाख रुपए तथा उससे ऊपर प्रति 100 मेगावाट 1 लाख रुपए होगा, जो 80 लाख रुपए अधिकतम होगा।
राज्य सरकार द्वारा सिरोही जिले में दो छात्रावासों के लिए नवीन भवनों का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्माण के लिए 5.60 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है। श्री गहलोत की स्वीकृति से अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास, सिरोही-प्रथम एवं अनुसूचित जाति बालक छात्रावास, सिरोही-द्वितीय के भवन निर्माण होंगे। प्रत्येक छात्रावास के निर्माण पर 2.80 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह नवीन भवन जर्जर भवनों के स्थान पर बनाए जाएंगे।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में वंचित वर्गों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए निरन्तर महत्वपूर्ण फैसलें लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में गहलोत ने प्रदेश के जोधपुर एवं बीकानेर में अम्बेडकर मिरासी-भिश्ती महाविद्यालय स्तरीय बालक छात्रावासों के भवन निर्माण हेतु 5.60 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
इस प्रस्ताव में प्रत्येक छात्रावास के भवन निर्माण के लिए 2.80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इन छात्रावासों में 50-50 विद्यार्थियों की आवासीय क्षमता होगी। श्री गहलोत की इस मंजूरी से प्रदेश के मिरासी समुदाय (मिरासी, ढाढी, मीर, मांगणियार, दमामी, नगारची, लंगा व राणा) एवं भिश्ती समुदाय के छात्रों को पढ़ने के लिए उत्तम वातावरण मिल सकेगा तथा वे अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकेंगे।
उल्लेखनीय हे कि मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी।