जयपुर (वार्ता)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को 887 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेजों से सम्बंधित चिकित्सा संस्थानों के 32 कार्यों एवं तीन नर्सिंग कॉलेजों के भवनों का शिलान्यास तथा 379 करोड़ रुपए के 36 कार्यों का लोकार्पण किया।
श्री गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर 1266 करोड़ रुपए के 68 विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस अवसर पर श्री गहलोत ने 7.15 करोड़ रुपए लागत से तैयार छह मोबाइल कैंसर निदान वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके सक्सेस स्टोरीज की पुस्तिका, कैंसर जागरूकता पोस्टर/पेम्पलेट का विमोचन भी किया गया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी प्रतिबद्धता एवं संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में एक मजबूत ढांचा तैयार किया गया है। स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप गांवों-कस्बों तक उत्कृष्ट चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंचाई गई है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के चिकित्सा मॉडल को पूरे देश में सराहा जा रहा है। स्वास्थ्य का अधिकार, 25 लाख रुपए तक नि:शुल्क उपचार के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित नि:शुल्क दवाईयां और जांच सुविधा में राजस्थान देश का एकमात्र राज्य बन गया है। चिरंजीवी योजना में 50 लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है। प्रतिदिन 1.50 लाख जांच नि:शुल्क की जा रही है। प्रदेश में एमआरआई, सी.टी स्केन जैसी महंगी जांचों के साथ-साथ हार्ट, लीवर, बोनमैरो ट्रांसप्लांट जैसा महंगा इलाज भी नि:शुल्क करवाया जा रहा है। इसी का सफल परिणाम है कि मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है।
श्री गहलोत ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में राजस्थान देश में मॉडल स्टेट बन गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य की जैसी चिकित्सकीय योजनाओं को पूरे देश में लागू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान मॉडल को अपनाकर देशवासियों को एक समान चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। राज्य के अनुभवी चिकित्सकों से विचार-विमर्श करने के साथ हमारे मॉडल का अध्ययन भी कराना चाहिए।
उन्होंने विकास कार्यों को समयबद्ध शुरू कराकर गुणवत्तापूर्ण पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल में 538 करोड़ रुपए लागत से 1200 बेडयुक्त देश का सबसे ऊंचा आईपीडी टॉवर तैयार हो रहा है। वर्ष 2018 में एमबीबीएस में सीटें 1850 से बढ़कर अब 3830 और पी.जी में 960 से बढ़कर 1690 सीटें हो गई है। चार वर्षों में 26 नए नर्सिंग कॉलेज खोले गए, जिससे 1,560 नर्सिंग सीटों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा तीन जिलों राजसमंद, जालौर एवं प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नहीं किए जाने पर अब राज्य सरकार ने कॉलेज बनाने का फैसला किया है।