भीलवाड़ा
कुख्यात तस्कर राजू फौजी के पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद राज खुलने लगे हैं। 10 अप्रैल की उस रात की कहानी भी सामने आने लगी है, जिसमें कॉन्स्टेबल को मार दिया गया था। राजू फौजी से रायला थाने की नाकाबंदी को लेकर पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की। उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए। फौजी ने बताया कि उसने नाकाबंदी तोड़ने के दौरान गोली नहीं चलाई थी। फौजी ने बताया कि पाबूराम गोरसिया ने पुलिस पर फायर किए थे। यह सभी हथियार इन तस्करों को फौजी ने ही उपलब्ध करवाए थे।
वारदात के बाद जोधपुर पहुंचने पर फौजी ने हथियार वापस ले लिए थे। पुलिस ने फौजी की निशानदेही पर बाड़मेर में उसके गांव डोली स्थित उसके घर से वह सभी हथियार बरामद कर लिए हैं। राजू को जोधपुर व बाड़मेर में मौका तस्दीक करवाने के बाद फिर से उसे भीलवाड़ा जेल भेज दिया गया है। यहां उसकी रायला थाने में दर्ज मामले में शिनाख्त परेड की जाएगी।