नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में उतरे शशि थरूर की ये बातें पार्टी हाईकमान को चुभने वाली हो सकती हैं। उनका कहना है कि यदि वह अध्यक्ष बनते हैं तो पार्टी में बड़े बदलाव लाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद सत्ता का केंद्रीकरण खत्म करूंगा और प्रदेश स्तर के नेताओं को सशक्त करूंगा। सिर्फ आप ही सारे फैसले नहीं ले सकते। थरूर ने कहा कि यदि मैं कांग्रेस का अध्यक्ष बनता हूं तो एक लाइन का प्रस्ताव पारित होने की परंपरा समाप्त कर दूंगा, जिसके तहत अध्यक्ष को ही हर फैसला लेने का अधिकार दिया जाता है। शशि थरूर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ये बातें कहीं।
यही नहीं नामांकन के बाद भी उनके तेवर बरकरार हैं। उन्होंने एक तरफ मल्लिकार्जुन खड़गे को पितामह भीष्म बताया तो वहीं यह भी कहा कि वह पीछे नहीं हटेंगे। थरूर ने कहा कि यदि आप लोग बदलाव चाहते हैं तो मेरा साथ दें और यथास्थिति ही देखना चाहते हैं तो मल्लिकार्जुन खड़गे जी को जिताएं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को बढ़ाने का ब्लूप्रिंट भी पेश किया। उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों को वापस कांग्रेस के पाले में लाना होगा, जो हिंदुत्ववादी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों को ध्यान में रखना होगा, जिन्होंने पिछले दो चुनाव में भले ही कांग्रेस को वोट नहीं किया। लेकिन कभी करते थे और हिंदुत्ववादी नहीं हैं।
शशि थरूर ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि 2014 और 2019 में भाजपा को वोट देने वाले लोग कट्टर हिंदूवादी हैं और हमने उन्हें हमेशा के लिए खो दिया है। मैं मानता हूं कि भाजपा को वोट करने वाले ज्यादातर लोगों ने विचारधारा से अलग भी तमाम मुद्दों पर उनका समर्थन किया था। पुलवामा और बालाकोट जैसे मामलों ने भी भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया था। 2014 में पीएम मोदी की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि तब अर्थव्यवस्था की स्थिति का सवाल भी मोदी ने उठाया था। उन्होंने खुद को गुजरात के सीईओ के तौर पर पेश किया था।