मुंबई
बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ में मई महीने में गिरावट रही है। वित्त वर्ष 2020-21 के दूसरे महीने मई में कुल 10.21 लाख करोड़ रुपए की क्रेडिट ग्रोथ रही है। जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 10.65 लाख करोड़ रुपए थी। यानी 3.6% की गिरावट इसमें आई है।
अप्रैल में भी दिखी थी गिरावट
इससे पहले सालाना आधार पर अप्रैल महीने में भी उधारी में गिरावट आई थी। अप्रैल में 2.2% की कमी आई थी। रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान छोटे और मझोले उद्योगों (MSME) को भी दी जाने वाली उधारी में गिरावट दिखी है। इसका सीधा अर्थ यह है कि कोरोना की दूसरी लहर बैंकों की उधारी पर भारी पड़ रही है।
पिछले साल भी अप्रैल, मई में क्रेडिट ग्रोथ में थी गिरावट
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल भी क्रेडिट ग्रोथ में वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में गिरावट आई थी। जून से इसमें रिकवरी दिखी थी। इसलिए माना जा रहा है कि इस साल भी जून महीने का जब आंकड़ा आएगा, तो उसमें क्रेडिट ग्रोथ में सुधार दिखेगा। पिछले साल और इस साल के आंकड़ों से दिखता है कि महामारी की वजह से कंपनियां उधारी नहीं ले पाई थीं, क्योंकि कंपनी को लोन के लिए अप्लाई करने के लिए फिक्स्ड असेट्स की जरूरत के अलावा बिजनेस ऑपरेशंस की जरूरत होती है।
दूसरी लहर के लॉकडाउन का हो रहा है असर
इस साल दूसरी लहर में राज्यों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कंपनियों का ऑपरेशन पूरी तरह से ठप रहा है। कुछ राज्यों में ढील की वजह से ऑपरेशन जारी रहा, पर महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली जैसे शहरों में लॉकडाउन ज्यादा रहा। जानकारों का मानना है कि अगर तीसरी लहर आती है, तो यह ज्यादा बुरा होगा, क्योंकि MSME के पिछले साल की लहर के दौरान अपने सभी संसाधन खत्म हो गए थे।
स्कीम का फायदा मौजूदा कर्जदारों को ही
बताते चलें कि सरकार की स्कीम ECLGS मौजूदा कर्जदाताओं के लिए है। इसलिए जो नए कर्ज लेनेवाले हैं, उनके लिए यह किसी मतलब की स्कीम नहीं है। ऐसे लोग कैश फ्लो की मुश्किल का सामना कर रहे हैं। मध्यम कारोबारियों की बात करें तो मई 2020 में 1.11 लाख करोड़ रुपए की उधारी दी गई थी। मई 2021 में 1.83 लाख करोड़ रुपए हो गई थी। बैंकों ने अप्रैल 2021 में 1.89 लाख करोड़ रुपए की उधारी दी थी, जो अप्रैल 2020 में 1.10 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले ज्यादा रही।
पांचवें महीने लगातार रही गिरावट
कुल बैंक क्रेडिट में की हिस्सेदारी भी पांचवें महीने लगातार गिरावट में रही। दिसंबर 2020 में छोटे और मझोले उद्योगों को दिया जाने वाला लोन कुल लोन में 12.11% था जो जनवरी 2021 में गिरकर 12.09%, फरवरी में 11.8%, मार्च में 11.3%, अप्रैल में 9.7% पर आ गई। मई में 9.48% पर पहुंच गई है। मई 2021 में कुल बैंक क्रेडिट 108.33 करोड़ रुपए रही, जो मई 2020 में 102.22 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 6% ज्यादा रही है।