श्रीगंगानगर। सड़क के दोनों ओर किनारों पर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग और फ्लैक्स इन दिनों विरान पड़े हैं। शहर के मुख्य मार्गों के अलावा जहां-जहां नगरपरिषद द्वारा साइट स्वीकृत की गई है। वहां-वहां यह विरानापन आसानी से देखा जा सकता है।
लगातार करीब दो माह तक लॉकडाउन के कारण घरों में रहे लोग जब शहर की सड़कों पर निकलते हैं तो उन्हें शहर की सड़कें सुनी-सुनी नजर आती है।
क्योंकि लॉकडाउन से पूर्व इन्हीं सड़कों के दोनों ओर लगे होर्डिंग्स और बैनर पर आए दिन नई-नई कम्पनियों के रंग-बिरंगे पोस्टर और नए-नए चेहरे और जानकारी नजर आती थी। परन्तु लॉकडाउन के कारण अब यह नजर आना बन्द हो गए है।
होर्डिंग्स और बैनर नहीं लगने से नगरपरिषद को भी सालाना एक से सवा करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
जानकारी अनुसार नगरपरिषद द्वारा शहर के विभिन्न मार्गों को 36 हिस्सों में बांट कर जोन बनाए गए हैं। इन्हीं जोन के आधार पर इन क्षेत्रों में सालभर होर्डिंग्स/ फ्लैक्स लगाने के लिए नगरपरिषद खुली बोली आमंत्रित करती है। वर्ष 2019-2020 में नगरपरिषद ने इन जोन के लिए नीलामी आमंत्रित की थी। इसमें एक साल के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपए की बोली लगाई है।
इस ठेके के अवधि 20 जून 2020 को समाप्त हो गई। इसके नगरपरिषद द्वारा तीन से चार बार होर्डिंग्स/बैनर की साइटों की नीलामी के लिए खुली बोली आमंत्रित की गई परन्तु किसी भी ठेकेदार ने इसमें रूचि नहीं दिखाई।