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कोरोना का पॉजिटिविटी रेट, 33 फीसदी के पार

हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। प्रदेश सहित जिले में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की ओर से लगातार की जा रही सख्ती के बावजूद संक्रमण के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं। हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो यहां भी हालात काफी चिंताजनक हैं। सोमवार को जिले में पॉजिटिविटी रेट 33 फीसदी के पार पहुंच गया जो बेहद डरावना है। सरल भाषा में समझें तो अगर किसी कॉलोनी में 100 लोगों का टेस्ट हुआ और 20 एक्टिव केस निकले, तो मतलब पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत हुआ। आमतौर पर पॉजिटिविटी रेट 4 से 5 प्रतिशत तक हो, तो स्थिति नियंत्रित मानी जाती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि फरवरी से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने के बाद से अब तक 59 हजार 97 सैम्पल लिए जा चुके हैं। इनमें से सोमवार तक 6920 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। सोमवार तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 33-34 प्रतिशत तक पॉजिटिविटी रेट आ रही है जो काफी चिंताजनक है। लेकिन काफी प्रयास किए जा रहे हैं। हो सकता है भविष्य में पॉजिटिविटी रेट कम आए। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए बताया कि किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमित होने के 5-6 दिन बाद लक्षण नजर आते हैं। लक्षण नजर आने पर ही रिपोर्ट पॉजिटिव आने की संभावना होती है। ऐसा न करें कि पॉजिटिव के सम्पर्क में आते ही सैम्पल दें। इससे अस्पतालों में अनावश्यक भीड़ बढ़ रही है। ऐसे हालात में रिपोर्ट भी पॉजिटिव नहीं आती। सैम्पल करवाने वाला व्यक्ति खुद को नेगेटिव मानकर इधर-उधर घूमता रहता है। साथ ही वह व्यक्ति जिसे सैम्पलिंग करवाने की आवश्यकता है वह सैम्पलिंग नहीं करवा पा रहा। सीएमएचओ डॉ. शर्मा के अनुसार जैसे ही किसी परिवार में कोई व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो अन्य सदस्य भी खुद को पॉजिटिव मानते हुए क्वारेंटाइन करें। 5-6 दिन तक इंतजार करें। अगर कोरोना का कोई लक्षण नजर आता है तो सैम्पलिंग करवाएं अन्यथा सैम्पलिंग की आवश्यकता नहीं है। यह सबसे जरूरी चीज है। उन्होंने कहा कि सभी धैर्य बनाए रखें। लक्षण वाले व्यक्ति दवा का सेवन शुरू कर दें। डॉ. शर्मा ने बताया कि मेडिकल विभाग की ओर से टीमें बनाकर घर-घर दवाएं पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। किट बनाने के आदेश दे दिए गए हैं। कोरोना लक्षण वाले परिवार के हर व्यक्ति को दवाओं की किट उपलब्ध करवाई जा रही है। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से बीट कांस्टेबल को पाबंद किया गया है कि अगर उसके इलाके में कोई भी पॉजिटिव आता है तो वह संबंधित व्यक्ति को घर से बाहर नहीं निकलने के लिए पाबंद करे। मेडिकल विभाग भी कोरोना पॉजिटिव रोगियों को फोन के जरिए सूचित कर रहा है। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने के लिए पाबंद किया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित आता है तो यह उसकी भी जिम्मेवारी बनती है कि वह घर से बाहर न निकले। आस-पड़ोस के लोग भी यह ध्यान रखें कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति घर से बाहर न निकले। उन्होंने बताया कि कोरोना ही पहली लहर के समय कोरोना संक्रमितों के घर से बाहर निकलने पर मुकदमे भी दर्ज करवाए गए थे। लेकिन अब समझाइश की जा रही है। प्रशासन कुछ सख्ती भी बरत रहा है। अगर इस तरह के कोई आदेश आते हैं उसके तहत कार्रवाई की जाएगी।

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