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कोतवाली एरिया में डेढ़ माह में लूटे 6 मोबाइल फोन:किसी ने बिना बिल खरीदे नहीं, घर से ही बरामद, अपील-पीड़ित पहचान कर ले जांए

श्रीगंगानगर. माेबाइल फाेन लूट के आराेप में गिरफ्तार किए गए करणी मार्ग निवासी रितिक वाल्मीकि पुत्र चांद वाल्मीकि तथा लवप्रीत मजहबी सिख पुत्र गुरजिंद्रसिंह मजहबी सिख से लूटे गए 6 माेबाइल फाेन बरामद किए गए हैं। आराेपियाें काे काेतवाली थाना के जांच अधिकारी एसआई रामेश्वरलाल बिश्नाेई ने चार दिन पहले गिरफ्तार किया था।

जांच अधिकारी ने बताया कि आराेपियाें ने पैदल जा रहे उड़सर निवासी विशाल बिश्नाेई के हाथ से 6 फरवरी की सुबह करीब 11 बजे पी ब्लाॅक डिग्गी के पास मोबाइल फोन छीना और माेटरसइकिल पर भाग गए थे। इनकाे उसी दिन गिरफ्तार कर अगले दिन फाेन बरामद कर माेटरसाइकिल काे जब्त कर लिया था।

इसी मामले में अनुसंधान के दाैरान आराेपियाें ने काेतवाली एरिया में ही अन्य 5 माेबाइल फाेन लूटने की वारदातें भी करना बताया। इन माेबाइल फाेन काे आराेपियाें के घराें से बरामद किया गया है।

आराेपियाें ने उक्त लूटे गए माेबाइल फाेन बेचने के प्रयास किए लेकिन लाेग अब बिना बिल के माेबाइल फाेन खरीदना बंद कर चुके हैं। नशा बेचने वाले भी अब इनकाे माेबाइल फाेन के बदले नशा नहीं दे रहे। इसलिए ये फाेन लूट के बाद भी इनके घराें में ही पड़े मिल गए।

45 दिन के दाैरान की हैं ये वारदातें, कहां से लूटा, यह इनकाे याद ही नहीं

जांच अधिकारी एसआई रामेश्वर ने बताया कि आराेपी दाेनाें युवक 21 से 22 साल आयु वर्ग के हैं। इतनी छाेटी उम्र में स्मैक, हेराेइन, गाेलियां, पाेस्त, अफीम, इंजेक्शन और अन्य सभी तरह के नशा करने के आदी हाे गए हैं। वे बिना नशा किए रह नहीं सकते और इसलिए बार-बार लूट की वारदातें करते हैं। इनकी हालत ऐसी है कि काम भी कुछ नहीं कर सकते।

इसलिए इनकाे काेई मजदूरी पर भी नहीं लेकर जाता। नशे की डाेज लगातार बढ़ते जाने से खुद का खर्च ही निकाल पाना असंभव हाेता जा रहा है। आराेपियाें से बरामद किए गए पांच फाेन इन्हाेंने काेतवाली एरिया से बीते डेढ़ माह के दाैरान लूटे हैं। इस संबंध में पुलिस के पास किसी ने शिकायत भी नहीं दर्ज करवा रखी है।

पीड़ित यदि परिवाद देंगे ताे दर्ज करेंगे मुकदमा

काेतवाल देंवेद्र राठाैड़ ने बताया कि आराेपियाें के पास से बरामद किए गए पांचाें फाेन थाने में जब्त किए गए हैं। बीते डेढ़ माह के दाैरान काेतवाली के बाजार और ब्लाॅक एरिया में जिनके माेबाइल लूटे गए थे, वे थाने आकर अपना माेबाइल फाेन पहचान कर सकते हैं। अगर परिवाद देंगे ताे मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। जांच में सामने आया है कि आराेपी दाेनाें साथ ही रहते थे और माेटरसाइकिल पर ही वारदातें करते थे।

ये हमेशा पैदल चलते-चलते माेबाइल फाेन पर बात करने वालाें काे पीछे से आकर हमला करते और उसके हाथ पर झपट्टा मारकर फाेन लूटकर भाग जाते थे। इसलिए अगर काेई पीड़ित इनकाे पहचानता है ताे आकर बताएं। वे माेबाइल फाेन पहचानकर स्क्रीन लाॅक खाेल दें और बिल भी लेकर आएं ताकि दावेदारी सही साबित हाे सके।