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एक भामाशाह ऐसा भी…फैक्ट्री बेचकर गांव के स्कूल में लगाए 21 करोड़ रुपए, ऐसा होगा स्कूल का ढांचा

जयपुर। सरकारी स्कूलों में दान देने के लिए भामाशाह हमेशा तत्पर रहते हैं। कोई अपनी पूंजी का कुछ हिस्सा शिक्षा दान करते हैं तो कोई कंपनी सीएसआर फंड से स्कूलों में विकास कार्य कराते हैं। लेकिन जयपुर के एक भामाशाह ने शिक्षा दान की मिसाल कायम की है।
वैशाली नगर निवासी सत्यनायण लड्डा ने गांव के सरकारी स्कूल को 21 करोड़ की लागत से विकसित कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी फैैक्ट्री बेच दी। सत्यनायण शाहपुरा जिले के गांव फूलिया कलां गांव के रहने वाले हैं, जहां सरकारी स्कूल में उन्होंने 11वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद बिट्स पिलानी से आगे की पढ़ाई पूरी की, फिर कोलकाता आइआइएम से मैनेजमेंट कर कारोबार शुरू किया। सौ साल पुराने स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुुका था। गांव के स्कूल में आधुनिक सुुविधाएं विकसित करने के लिए उन्होंने जमा पूंजी लगा दी। उनके दो बेटी और बेटा यूएसए रहते हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जयपुर में भामाशाह सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन सत्यनायण ने सम्मान के लिए आवेदन नहीं किया। उनका कहना है कि सम्मान देने के बजाय सरकार को ऐसे स्कूलों में सुविधाएं विकसित करनी चाहिए। स्कूल को 21 करोड़ रुपए से विकसित किया जा रहा है। बच्चों को हॉकी में आगे बढ़ाने के लिए स्कूल में आधुनिक हॉकी का मैदान तैयार करवाया जा रहा है।
14.50 करोड़ रुपए से तैयार होगा एकेडमिक ढांचा
12.50 करोड़ लगेंगे भवन में
02 करोड़ लगेंगे कक्षाओं और लैब में
5.50 करोड़ में हॉकी एस्ट्रो टर्फ और खेल मैदान
1.30 करोड़ में व्यायामशाला और एथलेटिक ट्रैक