बीकानेर. न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर होने के कारण अदालतों का काम पूरी तरह से ठप हो चुका है। आठ दिनों में दिवानी और फौजदारी के 9625 मामलों में सुनवाई नहीं हुईं।जयपुर में न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा की मौत से प्रदेश की सभी अदालतों के न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं। अदालतों में पुलिस की ओर से पेश किए जा रहे अभियुक्तों को जेसी-पीसी करने के अलावा लगभग सारे काम पूरी तरह से ठप हो गए हैं। कोर्ट के पास इन मामलों में सुनवाई के लिए अगली तारीख देने के अलावा कोई चारा नहीं।
हाईकोर्ट की ओर से सुनवाई नहीं किए जाने पर हम शुक्रवार के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव कौल से मिलेंगे। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, आन्दोलन जारी रहेगा।
– सुरेन्द्र नारायण जोशी, प्रदेशाध्यक्ष न्यायिक कर्मचारी संघ
कोर्ट में ये जरूरी काम ठप
- महिला उत्पीड़न और पोक्सो के मामलों में सुनवाई नहीं
- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से मिले आदेशों की पालना में असुविधा
- महिलाओं को भरण-पोषण में देरी, पूर्व में जारी स्टैंडिंग और गिरफ्तारी वारंट में गिरफ्तार अभियुक्तों की जमानत में परेशानी