नई दिल्ली. कांग्रेस से बगावत कर नई पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। इसके अलावा आजाद ने अपने दो सहयोगियों जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद जैसे कांग्रेस के सीनियर नेताओं पर राजनैतिक और वैचारिक मतभेदों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बुधवार को गुलाम नबी की आॅटोबायोग्राफी ‘आजाद’ लॉन्च होने वाली है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह इसकी लॉन्चिंग करेंगे। आजाद ने इसमें अपने 55 साल के राजनीतिक अनुभवों का जिक्र किया है। बुक लॉन्च से पहले आजाद का बयान आया है। उन्होंने और क्या कहा?
मोदी ने बदले की भावना से काम नहीं किया
आजाद ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी अठक से बातचीत में कहा- मैंने प्रधानमंत्री के साथ जो किया, और उन्होंने जो व्यवहार मेरे साथ किया। इसका मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार हैं। विपक्ष के नेता के तौर पर मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा, चाहे वह धारा 370 हो, उअअ हो या फिर हिजाब का मुद्दा। इसके बावजूद मोदी ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया। वो हमेशा एक नर्म दिल वाले राजनेता की तरह पेश आए।
जयराम रमेश विपक्ष के धरने में शामिल नहीं हुए थे
आत्मकथा में आजाद ने खुलासा किया है कि गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का ऐलान किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया। इसके खिलाफ विपक्ष के नेताओं ने धरना दिया। इसमें कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश नहीं आए। तब वो राज्यसभा में पार्टी के चीफ व्हिप थे।
किताब के 251वें पेज पर आजाद लिखते हैं- अमित शाह ने जिस वक्त 370 हटाने का ऐलान किया, मैंने अपना ईयर फोन फेंका और विरोध के लिए वेल में जाकर धरने पर बैठ गया। विपक्ष के नेताओं को भी मैंने वहां बुलाया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जयराम रमेश अकेले अपनी सीट पर बैठे रहे और धरने में शामिल ही नहीं हुए।