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अंगद वानर या देवता: अब अमृतसर की अदालत करेगी फैसला, हाईकोर्ट का एफआईआर रद्द करने से इनकार

चंडीगढ़

भगवान की फोटो के अपमान के चलते धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में याची ने फोटो को अंगद का बताकर एफआईआर रद्द करने की मांग की है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब ट्रायल कोर्ट ही तय करेगी कि अंगद की फोटो खंडित करने से धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला बनता है या नहीं।

याचिका दाखिल करते हुए अमृतसर निवासी राजीव खन्ना ने उन पर 6 जुलाई 2021 को धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अपील की है। याची ने कहा कि शिकायत के अनुसार याची ने भगवान हनुमान की फोटो का अपमान किया है, जो गलत है लेकिन जो फोटो खंडित हुई है, वह भगवान हनुमान की नहीं बल्कि अंगद की है। 

याची ने कहा कि अंगद हिंदू धर्म में देवता की श्रेणी में नहीं आते हैं और ऐसे में धार्मिक भावनाएं आहत होने का सवाल ही नहीं उठता। इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि हिंदू धर्म में अंगद वानर होने के बावजूद देवता हैं और मंदिरों में उन्हें प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। ऐसे में सीधे तौर पर याची ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। याची ने कहा कि उसे ऐसे किसी मंदिर की जानकारी नहीं है, जहां पर अंगद को पूजा जाता हो या उन पर प्रसाद चढ़ाया जाता हो। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला बनता है या नहीं या देवता या वानर यह सब देखना ट्रायल कोर्ट का विषय है। ऐसे में एफआईआर रद्द करने की मांग पर हाईकोर्ट ने विचार करने से इनकार करते हुए अब ट्रायल कोर्ट को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है।

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